NOT KNOWN DETAILS ABOUT BHOOT KAHANI

Not known Details About bhoot kahani

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एक दिन राजेश हमारे बिल्डिंग के नीचे के ग्राउंड में रस्सी से बनी काट के ऊपर सोया हुआ था। और हम सब घर के अंदर थे कि अचानक राजेश की आवाज़ सुनाई दी।

सिमरन ने ये बात अपने गांव जाकर सबको बता दी। पूरे गांव वाले और उसके रिश्तेदार मोहिनी से मिलने के लिए उसी बच्ची के मामा के घर के पास पहुंच गए। उस लड़की के अंदर रह रही मोहिनी की आत्मा ने सबको एक-एक करके पहचान लिया। कुछ देर बातें करने के बाद वो अपने परिवार वालों के साथ अपने घर चली गई।

At finest, it can present you with a handful of spooks."[eighteen] Udita Jhunjhunwala of Firstpost also gave it 2.five stars incorporating : "The parallels involving Prithvi’s trauma and also the tragedy onboard the Sea Bird are much from delicate and that is Bhoot’s finest loss – it floats but doesn't uncover its psychological anchor from the deep and haunting impression of private loss and regret."[19]

मुखिया जी गांव के कुछ लोगों के साथ उस कुएं के पास जाते हैं वह जाकर देखते हैं कि कुआं पूरा पानी से भरा हुआ है .

वो बोला मजाक मत करो। तुम्हें क्या लगता है? मैं डर जाऊंगा। मुझे पता है कि तुम मुझे डराने का प्रयास कर रहे हो। पर मैं नहीं डरने वाला। इतना कहकर वो टीवी देखने चला गया।

राजू ने कहा, “हम जानना चाहते हैं कि यहाँ कुछ अजीब हो रहा है या नहीं। क्या यहाँ वाकई भूत रहता है?”

उसी रात मैं जब सो रहा था तब किसी की मुझे पुकारने की आवाज आ रही थी।

धनिया : मालिक हमने कुए के अंदर एक कांच का मकान बनाया हुआ है.. कुए के अंदर मैं और राजू रहता था.

यह देखकर मैं सकपका गया। मेरे रौंगटे खड़े हो गये और मैं बस यहीं सोच रहा था कि अगर ये यहाँ है तो वहाँ नीचे कौन है?

गुफा की गहराई में जाने पर, उन्होंने दीवारों पर अजीबोगरीब चित्र देखे, जो डरावने और रहस्यमय थे। उन्हें किसी की उपस्थिति महसूस हो रही थी।

बेताल पच्चीसी

राम और सोनू ने श्राप तोड़ने और कुत्ते को बचाने का फैसला किया। उन्हें पता चला कि ऐसा करने का एकमात्र तरीका गुफा की गहराई में छिपी एक पहेली को सुलझाना था। अपने दिमाग का इस्तेमाल करके उन्होंने पहेली को समझ लिया और कुत्ते को उसकी पीड़ा से मुक्त करते हुए अभिशाप को तोड़ दिया।

बच्ची जब से मौत से लौटकर आई थी, तब से ही उदास और चुपचाप एक कोने में बैठी रहती थी। एक दिन उसकी मां ने उसे खुद अपने हाथों से खाना खिलाया और मामा के घर लेकर जाने की बात कही। खाना खिलाकर उसे अच्छे से तैयार करके वो उसे अपने get more info मायके ले गई। रास्ते में वो बच्ची जैसे ही उस ट्रक के हादसे वाली जगह पहुंची, तो उसने अपनी मां को कहा कि मेरा गांव इधर है।

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